डीआईवा नेटवर्क ||नई दिल्ली
करवा चौथ का उपवास हर पतिव्रता स्त्री के लिए बेहद खास होता है। अक्सर सुहागन महिलाएं करवा चौथ का व्रत अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए रखती हैं। इस व्रत को विधि अनुसार करने पर गृहस्ती में खुशहाली आती हैं इस व्रत को करने के लिए महिलाये काफी उत्साहित रहती हैं और करवा चौथ की तारीख निकट आते ही, सुहागन महिलाएं कुछ दिन पहले से ही विशेष प्रकार की तैयारियों में जुट जाती है। इस विशेष दिन उपवास को विधिनुसार रखने वाली सुहागिनें महिलायें चांद निकलने के बाद, अर्ध्य देकर पत्नियां अपना व्रत खोल पाती हैं। पूरा दिन व्रत रहने के बाद चाँद निकलने से पहले महिलाएं करवा चौथ की कथा सुनती हैं। इसके बाद चांद का दीदार कर, अर्घ्य चढ़ाकर पति का चेहरा देखा जाता है, जिसके बाद पत्नी का व्रत खुलता है। चंद्रमा के दर्शन और उपवास खोलने से पहले कुछ चीजें हैं जिनका खास ध्यान रखना चाहिए। माना जाता है ऐसा नहीं करने पर चंद्रदेव रुष्ट हो जाते हैं और पत्नी को उसकी पूजा का समुचित फल प्राप्त नही हो पाता ।
इन बातों का रखें ख्याल
1 -इस दिन मां गौरी की पूजा करके उन्हें हलवा-पूरी का भोग लगाने के बाद अपनी सास को ये प्रसाद देना कभी न भूलें।
2 -वैसे तो ये व्रत पति के लिए रखा जाता है लेकिन इस दिन घर में पत्नी, मां, सास या अन्य किसी बुजुर्ग का अपमान नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करती है तो आपका व्रत पूरा नहीं माना जाता है। इस व्रत में बड़े- बुजुर्गों के आशीर्वाद लेना बहुत जरूरी होता है।
3 -करवाचौथ के दिन प्रत्येक महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस दिन सफेद या काला रंग बिल्कुल भी न पहनें। क्योकि ये रंग सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ही अशुभ माना जाता है। इस दिन जहां तक हो सके लाल या पीला रंग का ही कपड़ा पहने।
4. इस दिन किसी को भी दूध, दही, चावल कोई भी सफेद कपड़ा या अन्य सफेद वस्तु न दें। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई भी विवाहित महिला इन चीजों का दान करती है तो चंद्रमा नाराज हो जाते हैं और अशुभ फल देते हैं।